Tuesday, 30 December 2014

अक्सर!! टूट जाता है ये दिल!!......

एक आरज़ू बना लेता है,
किसी को अपना बना आँखों में बसा लेता है!
कभी मायूसी तो कभी उमंग से भर जाता है ये दिल , 
अक्सर!! टूट जाता है ये दिल!!

कभी ख्वाब सजाके हक़ीक़त से सेहम जाता है, 
कभी अनजान को अपना कह जाता है!!
कभी अपनों से ही सेहम जाता है ये दिल, 
अक्सर!! टूट जाता है ये दिल!!

दीवानो की दीवानगी कहलाता है, 
रगो में रवानगी सी भी लाता है!
दस्तूर-ऐ-मोहब्बत जानता है, फिर भी लग जाता है ये दिल,
अक्सर!! टूट जाता है ये दिल!!

फ़साना सुना के बहलाता है,
नए पुराने किस्से भी सुनाता है!
कभी सच को झूठ, कभी झूठ को सच समझ जाता है ये दिल ,
अक्सर!! टूट जाता है ये दिल!!


- By Vabs


No comments:

Post a Comment