Saturday, 20 December 2014

.....मुझे किसी की आदत सी हो गयी

मोहब्बत से फिर मोहब्बत हो गयी, मुझे किसी की आदत सी हो गयी!!

सोचा था बन जाएंगे हम पत्थर से, ना जाने क्यों मिलके उनसे फितरत मोम सी हो गयी,
कभी सोचते है क्या होगा जो ना मिले हम उनसे, इस सोच से हमें नफरत सी हो गयी!
खुदा से एक इल्तजा है मेरी, उससे मुलाकात मेरे लिए तेरी इबादत सी हो गयी,
बस करदे हमपे करम इतना तू, की हमें लगे वो अपनी सी हो गयी!!

मोहब्बत से फिर मोहब्बत हो गयी, मुझे किसी की आदत सी हो गयी!!


                                                                                                                   - Vabs

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