उन्होंने हमसे कहा
"तेरे हाथ की मैं वो लकीर बन जाऊं, सिर्फ मैं ही तेरी तक़दीर बन जाऊं"
हमने भी उनसे कह दिया
"मेरे हाथ की लकीर ही क्या, तू मेरे दिल की धड़कन बन जाना!
मुक्क़दर, तक़दीर तो इंसानी बनावट है, तू मेरी साँसे, मेरी जिंदगी, मेरी रूह बन जाना!!"
- Vaibhav
"तेरे हाथ की मैं वो लकीर बन जाऊं, सिर्फ मैं ही तेरी तक़दीर बन जाऊं"
हमने भी उनसे कह दिया
"मेरे हाथ की लकीर ही क्या, तू मेरे दिल की धड़कन बन जाना!
मुक्क़दर, तक़दीर तो इंसानी बनावट है, तू मेरी साँसे, मेरी जिंदगी, मेरी रूह बन जाना!!"
- Vaibhav