देख़ कर तमाशा-ए-मोहब्बत इस जहान का, मुश्कुरा रहा है खुदा देख फरेब इंसान का,
चंद लम्हों में जो चढ़ जाती है परवान पर, दिन ढलते नजर आती है कूड़ेदान पर!
हर चेहरे पे जैसे चढ़ गया है कोई मुखौटा, समझ ना आये लफ्ज प्यार खरा है या खोटा,
बन गया है प्यार जैसे सौदा नफा-नुक्सान का, मुश्कुरा रहा है खुदा देख फरेब इंसान का !!
कोई कर लेता है जैसे इससे ज्यादा नहीं कुछ आसान, कोई करे ऐसे जैसे किया कोई एहसान,
ना ज़ी सकेंगे तुम बिन यह विस्वास जगा कर, छोड़ जाते है अगले अनजाने मोड़ पर!
किसी ने तो हर किसी को ही प्यार है बाटा, फिर मोड़ लिया मुख जहा देखा अपना घाटा,
सुन मोहब्बत का दुखड़ा ये इंसान का, मुश्कुरा रहा है खुदा देख फरेब इंसान का !!
- Vabs
Disclaimer: Above creation is an act of art and has no relevance with me or anybody else. :) :P
चंद लम्हों में जो चढ़ जाती है परवान पर, दिन ढलते नजर आती है कूड़ेदान पर!
हर चेहरे पे जैसे चढ़ गया है कोई मुखौटा, समझ ना आये लफ्ज प्यार खरा है या खोटा,
बन गया है प्यार जैसे सौदा नफा-नुक्सान का, मुश्कुरा रहा है खुदा देख फरेब इंसान का !!
कोई कर लेता है जैसे इससे ज्यादा नहीं कुछ आसान, कोई करे ऐसे जैसे किया कोई एहसान,
ना ज़ी सकेंगे तुम बिन यह विस्वास जगा कर, छोड़ जाते है अगले अनजाने मोड़ पर!
किसी ने तो हर किसी को ही प्यार है बाटा, फिर मोड़ लिया मुख जहा देखा अपना घाटा,
सुन मोहब्बत का दुखड़ा ये इंसान का, मुश्कुरा रहा है खुदा देख फरेब इंसान का !!
- Vabs
Disclaimer: Above creation is an act of art and has no relevance with me or anybody else. :) :P